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श्रीखंड महादेव यात्रा के प्रमुख पड़ाव बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये स्थल न केवल विश्राम के लिए आवश्यक हैं, बल्कि आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं। इस यात्रा का हर पड़ाव भक्तों के लिए खास महत्व रखता है। यहाँ प्रत्येक प्रमुख पड़ाव का विवरण दिया गया है:
1. सिंगगढ़:
ऊंचाई: लगभग 6,000 फीट
यह श्रीखंड महादेव यात्रा का पहला पड़ाव है, जहाँ से यात्रा की औपचारिक शुरुआत होती है।
यहाँ यात्रा के लिए पंजीकरण और मेडिकल चेकअप की सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। यात्रियों को यहाँ से परमिट दिया जाता है।
यात्रा की शुरुआत के लिए यह स्थान एक बेस कैंप की तरह कार्य करता है।
2. बराठी नाला:
ऊंचाई: लगभग 7,500 फीट
यह सिंगगढ़ से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और शुरुआती पड़ावों में से एक है।
यहाँ एक छोटा सा कैम्पिंग स्थल है, जहाँ यात्री विश्राम कर सकते हैं। बराठी नाला में पानी की सुविधा उपलब्ध होती है।
3. थाचड़ू:
ऊंचाई: लगभग 11,000 फीट
यह एक प्रमुख पड़ाव है, जहाँ यात्री रात का विश्राम करते हैं। यहाँ कुछ ढाबे और टेंट की सुविधाएं उपलब्ध होती हैं।
यहाँ से यात्रा अधिक कठिन हो जाती है, क्योंकि आगे की चढ़ाई खड़ी होती है।
4. काली घाटी:
ऊंचाई: लगभग 12,500 फीट
काली घाटी थाचड़ू से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर है और यहाँ से खड़ी चढ़ाई शुरू होती है।
यह स्थान काली माता को समर्पित है, जहाँ यात्री काली माता के दर्शन करते हैं। इसे पार करने के बाद ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लगती है, इसलिए इस पड़ाव से विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है।
5. भीम द्वार:
ऊंचाई: लगभग 13,500 फीट
यह स्थल पौराणिक महत्व रखता है और कहा जाता है कि यहाँ पांडवों ने भगवान शिव की तपस्या की थी। यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है।
यहाँ कई गुफाएँ हैं जो यात्रियों के विश्राम के लिए उपयोग में आती हैं। भीम द्वार से मौसम काफी ठंडा हो जाता है और ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लगती है।
6. पार्वती बाग:
ऊंचाई: लगभग 14,500 फीट
यह स्थल भगवान शिव की पत्नी पार्वती को समर्पित है और यहाँ फूलों की अनोखी प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो केवल इसी ऊँचाई पर उगती हैं।
पार्वती बाग में ठहरने की भी सुविधा होती है, जहाँ यात्री रात बिता सकते हैं। यहाँ से श्रीखंड महादेव शिखर का सफर और कठिन हो जाता है।
7. नैन सरोवर:
ऊंचाई: लगभग 15,500 फीट
यह एक पवित्र झील है, जहाँ भक्त स्नान करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। कहा जाता है कि यह सरोवर माता पार्वती की आँखों से निकले आँसूओं से बना है।
नैन सरोवर के बाद यात्रियों को अंतिम चढ़ाई शुरू करनी होती है, जो बहुत ही खड़ी और जोखिमपूर्ण होती है।
8. श्रीखंड महादेव शिखर:
ऊंचाई: 18,570 फीट
यह यात्रा का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव है, जहाँ भगवान शिव का 75 फीट ऊँचा प्राकृतिक शिवलिंग स्थित है।
यहाँ से पूरे हिमालय के दिव्य और भव्य दृश्य दिखाई देते हैं। भक्त यहाँ शिवलिंग के दर्शन करके अपने जीवन के पापों से मुक्ति की कामना करते हैं।
यात्रा का समापन:
श्रीखंड महादेव शिखर पर पूजा और दर्शन के बाद भक्त वापस नीचे के पड़ावों पर लौटते हैं। यह यात्रा एक भक्त के लिए न केवल शारीरिक बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण होती है।
श्रीखंड महादेव यात्रा के प्रमुख पड़ाव
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